POETRY in HINDI पोएट्री इन हिंदी - विविध अभिव्यक्ति.. Quotes on LIFE and LOVE .... दर्द भी अजीब जिद्दी और वफादार होते हैं छोड़कर जल्दी कभ...
POETRY in HINDI
पोएट्री इन हिंदी - विविध अभिव्यक्ति..
Quotes on LIFE and LOVE....
दर्द भी अजीब जिद्दी और वफादार होते हैं
छोड़कर जल्दी कभी जाते ही नहीं।
सिर्फ छोटों को ही बड़ों के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ती,
कभी - कभी बड़ों को भी छोटों के समर्थन की आवश्यकता होती है।
जो दूसरों की मासूमियत को भावनाहीन कह कर
चोट पहुंचाते हैं,
उनसे ज्यादा भावनाहीन कोई और नहीं।
मोहब्बत करनेवाला कभी आप पर
एहसान नहीं जता सकता।
यदि जताता है,
तो उसे आपसे मोहब्बत नही।
दर्द जिसका हम
अपना लेते हैं,
जाने क्यों...
वो इंसान कभी
हमारा हो नहीं पाता है।
चंद फासलों का फर्क
अक्सर ही
दरम्यान रह जाता है।
गुजरा हुआ वक्त कभी
वापस लौट कर नहीं आता,
आनेवाला वक्त किसी का
इंतजार नहीं करता।
जितना बदल सकते थे
हमने खुदको बदल लिया..
अब जिनको शिकायत है,
वो अपना रास्ता बदलें।
बड़ी गलतफहमी हुई कि
प्रेम संग वापस वो आया है।
क्या पता था,मुस्कान के पीछे
नफरत छुपा लाया था।
मोहब्बत में पड़ा इंसान कभी खुदको ऊंचा और
सामनेवाले को कमतर नहीं समझ सकता।
यदि ऐसा है
तो उसे आपसे मोहब्बत है ही नहीं।
अब थक चुके हैं हम उनकी तोहमतों से...
उनके इश्क से भी और नफरतों से भी।
अभी हम डूबे हैं उनके इश्क के समंदर में
और वो बैठे है साहिल पर, जिंदगी तमाम करके।
बड़े अजीब होते हैं न वो लोग
जो बिना किसी वादे के भी प्रेम में कुर्बान हो जाते हैं
और प्रेम की एक बूंद को भी समंदर मान लेते हैं।
प्रेम में अक्सर कोई एक ज्यादा प्रेम करता है।
कभी इश्क - मोहब्बत,
तो कभी नफरत ज्यादा करता है।
प्रेम में अक्सर ही कोई एक ज्यादा प्रेम करता है।
जीवन का वो मुकाम भी अजीब होता है जब किसी की सांत्वना या साथ की उम्मीद करना दिल छोड़ देता है और तलाश करता है सिर्फ एकांत की ...गीली आंखों के खुल कर बरस जाने की बेहतरीन जगह।
सम्मान और अपमान जीवन के दो रंग हैं
जो कमाए जाते हैं
स्वयं को हर वक्त सही मानने वाला व्यक्ति अपने अहम के जीत के लिए सही को गलत और गलत को सही कहने में देर नहीं करता।
शांत मन हर दुविधा और समस्या का
कोई न कोई हल ढूंढ ही लेता है।
प्रेम बहुत सरल होता है ,
इंसान इसे कठिन बना देता है।
जिंदगी में हम जन्नत हासिल करते हैं या जहन्नुम,
ये हम पर ही निर्भर करता है।
जीवन... प्रेम के बिना वीरान है। सन्नाटे से युक्त वनवास है।
जहां कोई नहीं, न ही कोई कलरव होती हैं।
आत्मसम्मान , स्वयं की आत्मा को जीवित रखने की
एक महत्वपूर्ण वजह है।
यदि दुनिया तुम्हारे आंसुओं को महत्व न दे सके,
कम से कम स्वयं उसका मान रखो।
उदासी है आज फिज़ा में कुछ
सवाल अधूरे से हैं हमारे कुछ
जवाब की तलब थी उनसे
लेकिन,बेरुखी है आज
उनके तेवर में कुछ...।
मंजिल मिले न मिले
इंसान को अपने रास्ते का चुनाव
खुद ही करना पड़ता है।
एक नई शुरुआत करना हमेशा कठिन होता है
लेकिन एक जगह बेकार पड़े रहने से बेहतर
नई शुरुआत की कोशिश करना है।
अकेले चलना मुश्किल भरी राह में चलना है
लेकिन जब जिंदगी है तो चलना ही है।
यही जीवन है।
रोते हुए इंसान को तिरस्कार नहीं
अपनत्व की चाह होती है।
धैर्य और उत्कंठा एक दूसरे के लिए कभी मित्र है तो कभी शत्रु।
जो कभी जीवन को आबाद कर देती है, तो कभी जीवन का विनाश।
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हर वक्त जीत ही महत्वपूर्ण नहीं होती है,
कुछ मौकों में हार कर भी जीत हासिल की जाती है।
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परिवर्तन किसी भी क्षेत्र में कष्टकारी लगता है
लेकिन,
एक बार उससे निकल जाने पर जीवन आसान हो
जाता है।
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" पिता ".. बेटी की दुनिया में प्रथम पुरुष होता है
जिस पर वह पूर्णत: भरोसा करती है।
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दूसरों को सम्मान देना,आत्मसम्मान का ही एक
अमूर्त रूप है।
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पिता का प्रेम अदृश्य और
बिना किसी पैमाने का होता है,
जिन्हें देखने और समझने के लिए
सिर्फ प्रेम की आवश्यकता है।
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उन्हें पसंद नही था मेरा
बार बार उन्हें ढूंढना,
ये पूछना कि कहां हो तुम?
बस, मैंने अब ढूंढना और
पूछना दोनों ही छोड़ दिया।
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प्रेमी से प्रेमिका ने पूछा - क्यों
तुम्हें है मुझसे प्रेम इतना?
प्रेमी ने कहा - मेरे दुख हर लेती हो तुम,मुझे सुनकर ही।
टूटे हृदय को भी जोड़ लेती हो तुम,मेरे हाथों को छूकर ही।
इसलिए, चाहता हूं मैं तुमको प्रिये।
पलटकर जब प्रेमी ने वही प्रश्न किया प्रेमिका से।
अथाह चाहतों से भरी आंखों से देखते हुए
होंठों पर हल्की सी मुस्कान लिए हुए
प्रेमिका ने जवाब दिया - तुम्हारी खुशी में खुश रहना
और दुख में दुखी होना,मुझे अच्छा लगता है
इसलिए प्रेम है तुमसे।
तुम्हारे सुख - दुख को बांटना मुझे सुकून
देता है प्रिये,
इसलिए प्रेम है तुमसे।।
तुम्हें है मुझसे प्रेम इतना?
प्रेमी ने कहा - मेरे दुख हर लेती हो तुम,मुझे सुनकर ही।
टूटे हृदय को भी जोड़ लेती हो तुम,मेरे हाथों को छूकर ही।
इसलिए, चाहता हूं मैं तुमको प्रिये।
पलटकर जब प्रेमी ने वही प्रश्न किया प्रेमिका से।
अथाह चाहतों से भरी आंखों से देखते हुए
होंठों पर हल्की सी मुस्कान लिए हुए
प्रेमिका ने जवाब दिया - तुम्हारी खुशी में खुश रहना
और दुख में दुखी होना,मुझे अच्छा लगता है
इसलिए प्रेम है तुमसे।
तुम्हारे सुख - दुख को बांटना मुझे सुकून
देता है प्रिये,
इसलिए प्रेम है तुमसे।।
दूसरों की खुशी में दिल से खुश होना ...
ये दिलवालों की बात है।
जो साथी एक झगड़े के बाद अपनी रंगत छोड़ दे,
तो समझो...
उसके हृदय से प्रेम का रंग उतर चुका है।
अपनी गलतफहमियां ही उन्हें सच लगीं..
और,
हमारी हजारों सच्चाई पर जाने क्यों
कभी एतबार ही न हुआ।
जो कभी हमसे..
आगे बढ़कर मिला करते थे।
और,
उससे भी मुश्किल है किसी के बिना शर्त किए गए प्रेम को समझ पाना।
(कैसी लगी आपको कोट्स में जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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