POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। Guest post :- शौर्य शिरोमणि महाराणा प्रताप सिंह - हिंदी कविता/ Shaurya Shiromani Maharana pratap si...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
Guest post :-
शौर्य शिरोमणि महाराणा प्रताप सिंह - हिंदी कविता/ Shaurya Shiromani Maharana pratap singh par hindi kavita
अम्बेडकरनगर ,उत्तरप्रदेश से रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी की कविता:-
शौर्य शिरोमणि महाराणा प्रताप सिंह
है वीरता ना हारती
अधीनता स्वीकारती
हुंकार भर हुंकारती
है चीखती पुकारती
सर कटे या काट लो,मुड़े नहीं जबान से,
झुके नहीं रुके नहीं, टूटे नहीं ईमान से।
आज भारती पुकारती
प्रताप संग प्रताप को
शौर्य जिसका सूर्य के
ललकारती है ताप को
मरे भले,लड़े सदा,प्रखर प्रताप शान से,
झुके नहीं रुके नहीं, टूटे नहीं ईमान से।
चमक लपक झपक पड़े
सर काटती पलक झपे
थी नाचती लचक लचक
अरि भागते कपे कपे,
मुगलों के काल बन दहाड़ते स्वाभिमान से
झुके नहीं रुके नहीं, टूटे नहीं ईमान से।
कदम पड़े जहां जहां
अरि भागते जहां तहां
न बोलते न टोकते
न सूझता चले कहां
लड़े भिड़े मरे कटे,कौन इस तुफान से,
झुके नहीं रुके नहीं, टूटे नहीं ईमान से।
रुण्ड मुण्ड झुण्ड कटि
विकट वितुण्ड भू गिरे
ढाल भाल चाल शत्रु
देखि देखि खुद मरे,
गूंजती है आज भी, मेवाड़ यशगान से
झुके नहीं रुके नहीं, टूटे नहीं ईमान से।
क्रोध की फुंकार से
भौंहें कमान सी तने
लाल रक्त सक्त बन
बहे नेत्र में सने
पड़े कोई खड़े कहीं सुन भागते दहाड़ से
झुके नहीं रुके नहीं, टूटे नहीं ईमान से।
काट-काट छांट- छांट
पाट पाट लाश से
रण बीच युद्ध में
पाला था सर्वनाश से
बिन लड़े भिड़े ही शत्रु, कांपते बलवान से,
पड़े कोई खड़े कहीं सुन भागते दहाड़ से।
अंग भंग रंग देखि
युद्ध के मैदान में
कांपता था रूह मानो
शव पड़े श्मशान में
कांपते थे हांफते अरि महाराणा नाम से,
झुके नहीं रुके नहीं, टूटे नहीं ईमान से।
~~~~~~~~~~~~~~
रचनाकार -
रामबृक्ष बहादुरपुरी
(अम्बेडकरनगर ,यू पी )
मो. न.- 9721244478
कैसी लगी आपको यह कविता ? जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।
More poems you may like written by रामबृक्ष बहादुरपुरी :-
More poems you may like from poetry in hindi:-
विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-(Poetry in Hindi)
Short - stories you may like :-(Poetry in Hindi)
COMMENTS