POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। ( Short-Hindi poem) (जाने कहां गुम हुआ - हिंदी कविता/jaane kahan gum huwa - short Hindi poem) कभी ...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
( Short-Hindi poem)
(जाने कहां गुम हुआ - हिंदी कविता/jaane kahan gum huwa - short Hindi poem)
कभी कभी हमारा अंतर्मन बोझिल हो जाता है,कई उलझनों से। जिनका कोई समाधान नजर नहीं आता।बस लगता है कुछ पल के लिए ही सही उस मनोदशा से किसी तरह छुटकारा मिल जाए या मन को शांति मिले तो हमारा मन यहां वहां भटकता हैं। कभी तो सुकून मिल जाता है लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि हम बेचैन ही रह जाते हैं और अंदर ही अंदर एक छटपटाहट महसूस करते हैं।जिनसे ये पूरी दुनिया अनजान रहती है। इन्हीं भावनाओं से घुली मिली ये छोटी सी कविता प्रस्तुत हैं।
जाने कहां गुम हुआ
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जाने कहां
आज
गुम हुआ
सुकून है।
ढूंढती फिर रही
मैं इसे,
कभी
अपनों के कंधों पर,
कभी
अपनों की गोद में
कभी
अपनों की बातों में
तो कभी
अपनों की यादों में।
लेकिन,
न जाने क्यूं..
नहीं मिला मुझे,
कोई
एक भी पल
मुझे सुकून का।।
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:- तारा कुमारी
( कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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