POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। Guest post :- गैरों की संगत - हिंदी कविता/ Gairon ki sangat - Hindi poem. अम्बेडकरनगर ,उत्तरप्रद...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
Guest post :-
गैरों की संगत - हिंदी कविता/Gairon ki sangat - Hindi poem.
अम्बेडकरनगर ,उत्तरप्रदेश से रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी की कविता:-
गैरों की संगत
~~~~~~~~~~~
ऐ दोस्त,
संभल कर चल
परख कर चल
समझ कर चल
क्योंकि
गैरों की संगत
अपनों को दुश्मन
बना देती है।
ऐ दोस्त!
समझना बड़ा मुश्किल है
किसी के रुप को,
पढ़ना बड़ा मुश्किल है
बनावटी चेहरों को
क्योंकि
गुमराह सभी को
अंधा बना देती है।
ऐ दोस्त!
संगत से सब सम्भव है
भला बनना या बुरा
खुद को समझना जरुरी है
क्योंकि
खुदी ही मार कर
खुद हमको
गंदा बना देती है।
ऐ दोस्त!
याद कर अपनों को
जो गैर का शिकार हुआ
मर गया याद करते तुम्हें
क्योंकि
कष्ट होता है, जब
कोई अपना अपने को
ही भोजन बना लेता है।
~~~~~~~
(स्वरचित)
रचनाकार -
रामबृक्ष बहादुरपुरी
(अम्बेडकरनगर ,यू पी )
मो. न.- 9721244478
कैसी लगी आपको यह कविता ? जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।
More poems you may like written by रामबृक्ष बहादुरपुरी :-
More poems you may like from poetry in hindi:-
वो एक परिवार
दिल मेरा यूं छलनी हुआ
वक़्त और त्रासदी
बहती नदी - सी
भर्त्सना
मां कभी तुम सिर्फ मेरे लिए आ जाती
एक प्रेम ऐसा भी
रूठना और मनाना
विरुद्ध - हिंदी पोएम
जज़्बात
रिमझिम सावन की फुहारें
नेह की एक बूंद
धूप का एक टुकड़ा
मातृत्व motherhood
विविध अभिव्यक्ति ( कहानी ,लेख आदि):-(Poetry in Hindi)
Short - stories you may like :-(Poetry in Hindi)
COMMENTS