POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। (Hindi poem - संस्कार और परिवार/ Sanskar aur pariwar) संस्कार, गरीबी और अमीरी से सरोकार नहीं रखती।ना ह...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
(Hindi poem - संस्कार और परिवार/ Sanskar aur pariwar)
संस्कार, गरीबी और अमीरी से सरोकार नहीं रखती।ना ही धन दौलत की मोहताज होती है।व्यक्ति में अभीष्ट गुणों का संचार अच्छी सोच से ही पनपती है। संस्कार और परिवार को उल्लेखित करती ये छोटी सी कविता आप सभी को समर्पित है।
वो एक परिवार
पिता ने खून पसीने की कमाई से
एक कुटिया बनाई बड़े ही प्यार से।
परिवार था थोड़ा बड़ा, मकान थे कच्चे
जिसमें थे पति - पत्नी और रहते थे पांच बच्चे।
पिता जुटा लेते थे सबके लिए साल में नए कपड़े
तो कभी रह जाते थे पिता के कमीज़ में छेद पड़े।
होते थे फटे जूते और सिलवट जड़े कपड़े
पर चेहरे पर खिली होती थी मुस्कान बड़े।
मिल बांट कर हर चीज हो जाती थी सबको पूरी
माता- पिता का सम्मान होता था जीवन की धुरी।
एक दूसरे की खुशियों में खुशी होती थी छुपी
परिवार की गाड़ी किसी बाधा में कभी न रुकी।
था वो एक वक्त जमाने में खुशहाली का
रिश्तों की कद्र और फिक्र थी जहां , तरीका जीने का।
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:- तारा कुमारी
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