POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। ( Short-Hindi poem) रूठना और मनाना / शिकायत (हिंदी कविता ) / Ruthna aur manaana / shikayat (Hindi sh...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
( Short-Hindi poem)
रूठना और मनाना / शिकायत (हिंदी कविता ) / Ruthna aur manaana / shikayat (Hindi short poem)
रूठना ,मानव स्वभाव है।और जब हम अपनों से रूठते हैं या जिससे प्यार करते हैं उनसे रूठते हैं तो इससे हमारी कई प्यार भरी उम्मीदें अपने आप जुड़ जाती हैं।वहीं अपनों को मनाना या अपनों के द्वारा खुदको मनाया जाना एक खूबसूरत एहसास होता है जो अपनों के बीच खुदको प्यारे होने का अहसास दिलाता है।
इन्हीं कोमल भावनाओं और इनसे जुड़ी शिकायतों को उकेरती
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रिश्तों में रूठना और मनाना
दो खूबसूरत पहलू होते हैं।
जहां,
नाराजगी में भी दो लोग
कहां दिल से जुदा हो पाते हैं।
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शिकायत
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आपको पता तो है..
आपके लिए हम बहुत रोते हैं।
फिर भी हमें रूठा देख,
आप हमें मनाना छोड़
खुद क्यों खफा हो जाते हैं?
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कैसी लगी आपको यह छोटी सी कविता ? जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।
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