POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। नेह की एक बूंद - हिंदी कविता / Neh ki ek boond - poem in hindi नेह की एक बूंद ----------------- चलते...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
नेह की एक बूंद
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चलते - चलते बस चलते ही रह गए,
ना सफर थमी न मंजिल मिली।
ख्वाब देखा जगमगाते सितारों की,
ना जुगनू हाथ आए न रोशनी मिली।
आरजू थी बहारों का एक चमन मिले,
ना खुला आसमां मिला न जमीं मिली।
प्यासा था अंतर्मन नेह की एक बूंद के लिए,
ना कोई समंदर मिला न कोई बारिश मिली।
भावनाओं के भंवर में कैद होते चले गए,
ना कोई दरवाजा मिला न कोई खिड़की मिली।
तन्हा,अश्कों में दर्द को घोलते रहे हर शाम
ना सुकून की मौत मिली न जिंदगी मिली।
टीस उठती रही सीने में लहरों की तरह
ना साहिल मिला न कोई कश्ती मिली।
जब भी लगा कि तलाश पूरी हो गई
जख्म और गहरा, और आस टूटी मिली।
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