Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन। नाज़ ( हिंदी कविता ) / Naaz ( Hindi poem) प्रियजनों से (separation) अलगाव/ जुदाई, हमेशा ही दर्द देता ह...
Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
नाज़ ( हिंदी कविता ) / Naaz ( Hindi poem)
प्रियजनों से (separation) अलगाव/ जुदाई, हमेशा ही दर्द देता है। वजह चाहे जो भी हो। ये दर्द कभी ख़ामोशी में कहीं गुम हो कर अंदर ही अंदर चुभती है तो कभी चीख चीख कर दर्द खुद को ही कम करने की कोशिश करती है।
कुछ ऐसी ही भावों से लिपटी ये छोटी से कविता आप सबके समक्ष प्रस्तुत है।
नाज़
दूर हुए हम उनसे,
जो सांसों में बसा करते थे।
अनजान खौफ़ कैसा है ज़हन में,
जिसके लिए हम जिया करते थे।
अश्क सूख गए अब आंखों से,
दिन - रात उनके लिए रोया करते थे।
दिल टूटा है शायद,आवाज़ न हुई पर
खो गया वो कहीं...
जिस पर नाज़ हम किया करते थे।।
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:- तारा कुमारी
कैसी लगी आपको यह छोटी सी कविता? जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।
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