Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन। Guest post :- नारी पर हिंदी कविता / Naari(Women) - poem in Hindi दिल्ली से विवेक शर्मा की "नारी&...
Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
Guest post :-
नारी पर हिंदी कविता / Naari(Women) - poem in Hindi
दिल्ली से विवेक शर्मा की "नारी" पर एक सुंदर कविता :-
नारी-----
जो स्वयं पूर्ण है, वही पूर्णता का सृजन करता है,
एक नारी की कोख़ से, जीव इसलिए जीवन धरता है ।
ममता, प्रेम, वात्सल्य भाव जिसकी सहज प्रकृति हो,
वह ईश्वर के समकालीन, पूजन का स्थान रखता है ।
चंचल मन में स्थिरता को , जो स्थापित कराती है ,
नारी हृदय में क्षमा व संतोष स्वतः निवास करता है ।
वह निश्छल, निस्वार्थ भाव से ज़ीव का भार उठाती है,
उसके होने से परिवार , प्रेम की डोर से बंधता है ।
मानवीय रूप में देवी यदि हम उसमें देख पाते नहीं ,
हमारी ही त्रुटि है इसमें , हमारी ही अनभिज्ञता है ।
मैं प्रेम रस का पान करूँ या ममता का सत्कार करूँ ,
नारी का जब सम्मान करूँ , जीवन सार्थक तभी बनता है।
मनुष्य,
मानव तब ही बनता है ।।
-: Vivek Sharma
Delhi.
कैसी लगी आपको ये कविता ? जरूर बताएं।
पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।
विवेकशील होना एक विलक्षण बात तो है परन्तु खुद ही विवेक हो जाना विवेक के विकास की विलक्षणता की पराकाष्ठा से भी परे की बात हो गई है। ढेरों शुभकामनाएं व आशीष कि तेरा विवेक विकासशील रहे सदैव।
ReplyDelete