POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। माता - पिता पर कविता - हिंदी में/ Mata - pita ( Hindi poem) माता - पिता परिवार के दो मुख्य स्तंभ होत...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
माता - पिता पर कविता - हिंदी में/ Mata - pita ( Hindi poem)
माता - पिता परिवार के दो मुख्य स्तंभ होते हैं जो मिलकर बच्चों में जन्म से लेकर जीवन के अंत तक प्रत्येक संस्कारों को स्थापित करने का दायित्व निभाते हैं।इस दौरान कई तरह की जिम्मेदारियों को माता - पिता मिलकर निभाते हैं।लेकिन अक्सर जब लेखनी की बात हो तो पिता का योगदान लिखता हुआ कलम बहुत कम ही दिखाई देता है।यूं तो अब माता -पिता का बच्चों या परिवार से जुड़ाव या घरेलू जिम्मेदारियों में भूमिका तथा परिदृश्य काफी बदली है लेकिन फिर भी बहुत कुछ आज भी वैसा ही है।
आज इस कविता के माध्यम से पिता की भूमिका और स्थान पर प्रकाश डालने की कोशिश करती ये छोटी सी कविता आपके समक्ष है :-
माता - पिता पर कविता
अक्सर माता के आंखों की नमी की बात की जाती है,
और पिता,अपनी आंखों में समंदर को छुपा लेता है।
अक्सर माता के आंचल में ममता की छांव की बात की जाती है,
और पिता,अपना सीना चौड़ा किए मन ही मन आंहे भर लेता है।
अक्सर माता के हृदय की कोमलता की बखान की जाती है,
और पिता,कठोरता का कवच पहने दुःख में भी मुस्कुरा लेता है।
अक्सर माता स्नेह से भरकर जख्म पर दुलार का मरहम लगाती है
और पिता,चोट पर भी थपकी देकर संतान को फौलाद बनाता है।
अक्सर माता को परिवार के लिए खुदको लुटा देने की बात की जाती है,
और पिता,खामोशी से पूरी उम्र परिवार पर न्योछावर कर जाता है।
यूं तो दोनों हैं,जीवन के दो समान पहिए
पर बात सिर्फ एक पहिए की, की जाती है।
एक के बिना दूजा है अधूरा , फिर भी जानें क्यों
ये बात संसार को समझ क्यों नहीं आती है!!
:- तारा कुमारी
कैसी लगी आपको यह छोटी सी कविता? जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।
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