विविध - अभिव्यक्ति :- लेख जानें :- होली का त्यौहार कब और क्यों मनाया जाता है? इसकी महत्ता क्या है? होली का त्यौहार कब और क्यों मनाया जा...
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जानें :- होली का त्यौहार कब और क्यों मनाया जाता है? इसकी महत्ता क्या है?
होली कब मनाई जाती है?
रंगों का त्योहार है - होली । प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के प्रतिपदा को यह रंगोत्सव मनाया जाता है।होलिका - दहन के ठीक दूसरे दिन सभी मिलकर पूरे हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाते हैं।
होली किस प्रकार मनाई जाती है ?
होली का पर्व सभी बच्चे ,बूढ़े ,महिलाएं ,पुरुष व सभी आयु वर्ग के लोग मिलकर मनाते हैं।इसकी तैयारी बड़े ही हर्ष के साथ की जाती है।परिवार में, दोस्तों में उल्लास व उमंग का माहौल छाया रहता है।
सुबह से लेकर दोपहर तक सभी गीले रंगों से रंगोत्सव मनाते हुए एक दूसरे पर रंग - बिरंगे रंग लगाते हैं।तो वहीं शाम को सूखे रंग - अबीर गुलाल से एक दूसरे को रंग डालते तथा लगाते हैं।
छोटे उम्र के सभी लोग अपने से बड़ों के पैरों पर गुलाल अबीर डाल कर होली की बधाईयां देते है तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। वही,समान उम्र के लोग एक दूसरे को गालों पर,माथे पर अबीर गुलाल से टीके लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं।
इसके साथ ही घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं और एक दूसरे को आमंत्रित करते हुए पकवान खाने का आनंद लेते है।
पहले लोग प्राकृतिक फूलों के रंगों से बने रंगों का उपयोग इस त्योहार में एक दूसरे को रंग लगाने में करते थे किंतु अब कृत्रिम रंगों का उपयोग ज्यादातर किया जाता है जो सावधानी नहीं बरतने पर त्वचा के लिए नुकसानदायक भी साबित होता है।
होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
होली पूरे देश में ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जानेवाला पर्व है। होली का त्योहार देश में अलग अलग कारणों से मनाया जाता है।
आमतौर पर होली का त्योहार,होलिका - दहन के दूसरे दिन बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में हर्ष व उल्लास के साथ खुशियों को रंगों से व्यक्त करते हुए मनाया जाता है।
होली, बसंत ऋतु का पर्व है और इस त्योहार के साथ ही ठंड खत्म होती है और ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो जाता है।
देश के कई हिस्सों में किसान इस त्योहार को अपनी अच्छी फसल या पैदावार की खुशी के रूप में भी मनाते हैं।अपनी खुशियों को रंगों के माध्यम से एक दूसरे को रंग लगाकर प्रकट करते हैं।
होली के त्योहार की महत्ता क्या है?
होली का त्योहार एक पारंपरिक,सांस्कृतिक व धार्मिक पर्व है।जिसकी महत्ता किसी भी दौर में कभी कम नहीं हो सकती है।
होली जहां नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर ले जाती है,बुराई को छोड़कर अच्छाई को अपनाने की प्रेरणा देती है वहीं सारे भेदभाव भुलाकर भाईचारे और अपनापन का संदेश भी देती है।
होली से वातावरण ही रंगीन नहीं होता है अपितु हमारे मन के द्वेष भी धुलकर आपसी प्रेम बनकर चारों ओर खुशियों की रंगीन छटा बिखेरते हैं।
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