Poetry in hindi (कविताओं का संकलन) Guest post :- तुम्हारी यादें (हिंदी कविता) /Tumhari yaaden (Hindi poem)- पोएट्री इन हिंदी अयोध्या(उत्तर...
Poetry in hindi (कविताओं का संकलन)
तुम्हारी यादें (हिंदी कविता) /Tumhari yaaden (Hindi poem)- पोएट्री इन हिंदी
अयोध्या(उत्तर-प्रदेश) से गरिमा सिंह की कविता।
तुम्हारी यादें ..
मैं सहेज कर रखूंगी,
तुम्हारी यादें,
जो तेरे बगैर भी मेरी है,
कुछ शब्द,
जो मेरे आकाश मे शामिल है,
वो खनकती सी हँसी,
जो मेरे कानों को आज
भी आस पास होने का भरम
दे जाते है,
कुछ किये हुए वादे,
जो मेरे हाथो को थाम कर किया था,
जिसे सुनकर मेरा मन आज
की ही तरह काँपा था,
और गिर गया था वो फूल,
जो तुमने बड़े प्यार से थमाया था।
इतना ही नहीं, बहुत कुछ
जो तुम्हारी आँखों ने कहा था,
आज भी एक एक हर्फ़ मेरी
जेहन मे ताज़ा है,
मै सब याद रखूंगी,
सब कुछ, जो तुमने
दिया, शायद तुम्हे कल
यकीन न आये मेरी बातों पर,
मेरा प्यार तुम्हें छलावा लगे,
बस इतना करना,
मेरे साथ बिताये लम्हों को
याद करना, मेरी याद में खोकर
खुद से पूछना, क्या वो पल
झूठ था!
यकीन है मुझे मैं फिर तुम्हें
याद आऊंगी, तुम्हारी आँखें
मुझे दूर तलक खोज आएँगी,
फर्क इतना होगा तब मै तुम्हारे
सामने नहीं होऊंगी।
खो जाऊँगी, इस क्षितिज में
तुम्हारी ही बनकर, तुम्हारे
इन्तजार में।
:- गरिमा सिंह
(अयोध्या, उत्तर - प्रदेश)
More poems you may like from poetry in hindi:-
बहुत सुन्दर, कविता पढ़ते-पढ़ते जैसे एक कालखण्ड जी लिया हो, कुछ उम्मीदें परवान हो गई हों। बधाई 🌹
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteबहुत उम्दा फ़्लैश बैक का उत्तम प्रयोग, यथार्थ से भरा 👍👍👌👌
ReplyDeleteगरिमा दीदी! , भले ही ये औरो के लिए ये पंक्तिया कविता हो सकती हैं ,मगर जो भी इस कविता की शब्दों की गहराई में जायेगा तो उसे ये कविता महज़ एक कविता न लग के एक ऐसा गन्तव्य लगेगा जिस से होते हुए हर कोई अपनी उस सुन्दर सी ज़िन्दगी को इसके सहारे दुबारा जी सकेगा जो सिर्फ अब यादें बन कर रह गयी हैं।
ReplyDeleteगन्तव्य बना है आज देखो शब्द रूपी ईँट बिछाकर, जीना है वो ज़िन्दगी तो जाओ इस राह से चलकर।