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Poetry in hindi - कविताओं का संकलन।
चाँद से पूछो ( हिंदी कविता)/ Chaand se puchho ( Hindi poem)- पोएट्री इन हिंदी
अयोध्या ( उत्तर - प्रदेश ) से गरिमा सिंह की कविता।
चाँद से पूछो
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कैसे रोज आवारा सा
निकल पड़ता है,
आकाश की गलियों के चक्कर लगाने --
फेरी वाले की तरह,
घर -घर जाकर बेचता है चांदनी,
झोपड़ी से महल तक -
खोजता है दुख दर्द,
माँ डांटती है , करती है रोज
हज़ारो सवाल,
चाँद रोज निकलता है - पूछने
तुम्हारा दर्द, बहुत लोग देते
हैं उलाहने,
कभी भेजते हैं अपनी प्रेयसी
को सन्देश,
कोई देखता है किसी बिछड़े का प्रतिबिम्ब,
कोई मांगता है मन्नत,
चाँद सबकी सुनता है,
अपनी गठरी से एक तारा तुम्हारी
ओर फेंकता है,
मिल जाती है मुँह मांगी मुराद तुम्हे,
तुमसे बदले में बिना कुछ लिए,
चुप चाप अपने हाथों से
सब कुछ बांध कर उठा लेता
है, जो तुमने दिया, ले जाकर माँ
के सामने पटक देता है,
माँ करती है गठरी खाली,
रात भर की कमाई को
दिन में अलग अलग,
रखता है, जिससे बूढ़ी दादी सूत
कात कर बना देती है, चदरिया,
और एक झोला,
जिसे लेकर वह फिर
रात में निकल जाता है,
खाली हाथ सबके दर्द बटोरने।
सबकी ख़ुशी में नाचने।
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