POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। आहिस्ता - आहिस्ता( हिंदी कविता) / Aahista - aahista ( Hindi poem) रिश्तों की खींचा तानी, भावनाओं के ...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
आहिस्ता - आहिस्ता( हिंदी कविता) / Aahista - aahista ( Hindi poem)
रिश्तों की खींचा तानी, भावनाओं के उठते गिरते लहरों के बीच थपेड़ों को सहते हुए जिंदगी में हम बहुत कुछ सीखते हैं,कुछ खोते हैं, कुछ पाते हैं।कुछ उम्मीदों से परे... तो कुछ सपनों से परे।
यही जिंदगी है।
आहिस्ता - आहिस्ता ( हिंदी कविता)
चमकते चांद को आंगन में देख कुछ यूं उतावली हो गई
बरसों घर में जलते दीये और बाती में जालसाजी हो गई।
ना जाने कब,
रौशनी की उज्ज्वल चादर आहिस्ता आहिस्ता स्याह हो गई।।
स्वार्थ और लालच में रिश्तों के बीज खोखली हो गई
असली नकली चेहरों के बाज़ार में सच काली हो गई।
ना जाने कब,
विश्वास की निर्मल चादर आहिस्ता आहिस्ता मैली हो गई।।
जगमगाते कागजी सितारे तूफान में भीग कर फीके हो गए
जो ओझल थे कहीं धूल में,वो धुल कर मोती हो गए।
ना जाने कब,
ख्वाहिशों की रंगीन चादर आहिस्ता आहिस्ता बदरंग हो गई।।
जिंदगी के सबक सीखते-सीखते खुद एक सबक बन गए
लगते थे कभी सबको सही,अब बस गलती बन कर रह गए।
ना जाने कब,
अपनेपन की मुलायम चादर आहिस्ता आहिस्ता सख्त हो गई।।
:- तारा कुमारी
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10)एक पड़ाव
chadar sakht ho gayi apnepan ki ,pankti bahut acchi lagi .acchi lagi kavita.pranaam
ReplyDeleteThank you.
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