खामोशियों में लिपटी चाहतें - हिंदी कविता / khamoshiyon mein lipti chaahten - Hindi poem (कहते हैं, जब किसी से हम प्यार करने लगते हैं या करत...
खामोशियों में लिपटी चाहतें - हिंदी कविता / khamoshiyon mein lipti chaahten - Hindi poem
(कहते हैं, जब किसी से हम प्यार करने लगते हैं या करते हैं तो उनकी हर भावनाओं को बिना कहे समझते हैं या महसूस कर लेते हैं।लेकिन जब कभी हम अपनी उम्मीदों को ही सिर्फ सर्वोपरि देखने लगते हैं तब परिस्थितियां उलझ जाती हैं। सामने वाले के हसरतों और उम्मीदों को समान महत्व ना देने से उनके लिए सब कुछ कितना कठिन हो जाता है हम समझ ही नहीं पाते।
इन्हीं भावनाओं से लिपटी ये छोटी सी कविता प्रस्तुत है:- )
खामोशियों में लिपटी चाहतें (poetry in hindi)
दिल में मचलते हैं..
कई छोटी - छोटी बातें
और ख्वाहिशें..
लेकिन जब भी
सूक्ष्म भावों को
उनसे बांटने की
सोचता ये मन
उनकी ही बातों का
रेला चल पड़ता।
और ये नन्हा दिल
बस मुस्कुरा कर
कारवां में साथ हो लेता।
उनकी हंसी के संग
मैं भी चहक लेती।
नमी जब उनकी
आंखों में दिखती,
तो अपनेपन की
गरमाहट से
सफर की थकान
कम कर देती।
कोई मोड़ तीखा मिलता
तो कसकर हाथ थाम लेती।
और मुश्किलों को उनकी
आधा - आधा बांट लेती।
पर जब होता मेरा सामना..
दबी छुपी कुछ
मेरे अरमानों से..
वो कहीं साथ दिखते नहीं,
मेरे जज्बातों को सहला कर
मेरे हृदय को सुकून देते हुए।
उदासियों में तब गुजरती
शाम व सुबह ही
मेरे अपने होते हैं।
चुपके से नमी आकर तब
आंखों को, गालों को..
चुम्बन दे कहीं गुम हो जाती है।
जीवन में यही तो मेरे
सबसे करीब होने का
एहसास दे कर, खामोशी से..
'कुछ' समझा जाती है।
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