रिश्ते टूटे नहीं हैं (हिंदी कविता)/rishte tute nahin hain (Hindi poem) रिश्ते टूटे नहीं हैं.. उम्मीद नहीं कोई तुमसे अब शिकवा नहीं कोई तुमस...
रिश्ते टूटे नहीं हैं (हिंदी कविता)/rishte tute nahin hain (Hindi poem)
रिश्ते टूटे नहीं हैं..
उम्मीद नहीं कोई तुमसे
अब शिकवा नहीं कोई तुमसे
रिश्ते टूटे नहीं हैं ..अब भी।
बस,उलझी हूं एक डोर से
हां..
खामोशी ने चुपके से,
दोस्ती कर ली है मुझसे।।
~~~(: - तारा कुमारी)
(कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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