Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन। वो तुम थे और मैं थी। (हिंदी कविता) / Wo tum the aur main thi. (Hindi poem) ( मन के कुछ कोमल भावनाएं हमार...
Poetry in Hindi - कविताओं का संकलन।
वो तुम थे और मैं थी। (हिंदी कविता) / Wo tum the aur main thi. (Hindi poem)
( मन के कुछ कोमल भावनाएं हमारे हृदय में इतनी गहरी बस जाती हैं कि जिंदगी के हर मोड़ पर हमारे साथ साथ चलती हैं। वक़्त बदल जाता है,लोग बदल जाते हैं।लेकिन हम चाहकर भी ना उनसे मुंह मोड़ पाते हैं ना भुला पाते हैं।बस कहीं किसी कोने में उन यादों को उम्रभर अपने सीने में संजोए रख लेते हैं।)
वो तुम थे और मैं थी
पल पल मुझे याद करना
बातें करने के बहाने तलाशना
तुम भूल गए वो दिन!
वो तुम थे और मैं थी..
मेरी धड़कनों में बसे हैं, अब भी वो दिन।
मीठी मीठी बातों के मेले में खो जाना
और सड़कों पर लंबे सफर पर निकल जाना
तुम भूल गए वो दिन!
वो तुम थे और मैं थी..
मेरी धड़कनों में बसे हैं, अब भी वो दिन।
मुझे देखते ही गालों पर खुशी की लालिमा छा जाना
तेरी पूरी दुनिया का सिर्फ मेरे ही इर्द गिर्द सिमट जाना
तुम भूल गए वो दिन!
वो तुम थे और मैं थी..
मेरी धड़कनों में बसे हैं, अब भी वो दिन।
कहीं खो गए अब वो सारे लम्हें
पास होकर भी कहीं गुम हो तुम
हुक सी उठती है सीने में,
अजनबी नजरों से जब मुझे देखते हो तुम।
मुझे अब भी याद आते हो तुम...
हां, मुझे अब भी याद आते हो तुम।
:- तारा कुमारी
(कैसी लगी आपको यह कविता?जरूर बताएं। यदि पसंद आए या कोई सुझाव हो तो कमेंट में लिखे। आपके सुझाव का हार्दिक स्वागत है।)
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