सपनें /Sapne - A Hindi poem (हिन्दी कविता) हताशा और निराशा कभी भी आशाओं से बढ़कर नहीं होनी चाहिए। जीवन में हार को भी जीत में बदलने ...
सपनें /Sapne - A Hindi poem (हिन्दी कविता)
हताशा और निराशा कभी भी आशाओं से बढ़कर नहीं होनी चाहिए। जीवन में हार को भी जीत में बदलने की प्रेरणा देती यह कविता आपके समक्ष प्रस्तुत है:-
सपनें
कुछ सपने छूट जाते हैं
कुछ सपने टूट जाते हैं
और कुछ सपने रूठ जाते हैं।
टूटे सपने घाव दे जाते हैं
जो छूट जाते हैं वो पूरे कब होते हैं
रूठे सपनों में छिपी आशाएं होती हैं ।
पर आस भी जब टूट जाए तो
ह्रदय में बस
खालीपन घर कर जाते हैं।
मायूस ना होना,
अगर ये लम्हे मिल जाएँ कभी।
सपने तो कुछ टूटेंगे ही
कुछ पूरे होंगे और कुछ रूठेंगे ही।
जो मिल गया वह भी कम नहीं
जो ना मिला तो ठहरो नहीं..
हार-जीत तो जीवन की रीत है
धैर्य, साहस और आत्मजय ही मनमीत हैं।
टूटे सपनों को जोड़ना सीख ले जो
जीवन के सतरंगी जंग जीत ले वो
कर दृढ़ निश्चय, पथ पर आगे बढ़ो
मुट्ठी में कर लो अपने लक्ष्य को
कर लो सपने पूरे, अपने मन की..।
(स्वरचित)
:-तारा कुमारी
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