अनकहे किस्से /Ankahe kisse - Hindi poem (हिन्दी कविता) अनकहे किस्से.. बेपनाह प्यार है तुम्हारे लिए लेकिन इस दिल में स...
अनकहे किस्से /Ankahe kisse
- Hindi poem (हिन्दी कविता)
अनकहे किस्से..
बेपनाह प्यार है तुम्हारे लिए
लेकिन इस दिल में सिर्फ तुम ही नहीं,
प्यार के गीत गुनगुनाती हूं तुम्हारे लिए
पर उनको भी सहेज कर रखती हूँ दिल में अपने।
अगर मायने रखते हो तुम मेरे जीवन में
वो भी मुस्कुराते हैं मेरे अफ़साने में
मेरी हंसी मेरी उदासी में ।
हो अगर तुम परछाई मेरी
उनके बिना मैं अधूरी हूँ
मेरी खुशी मेरे हर ग़म में।
माना कि मेरी बेइंतेहा चाहत हो तुम
पर उनका भी मान ना होगा कभी कम
माँ, जिसने मुझे जन्म दिया
पिता, जिसने सर पर
सदैव स्नेहिल हाथ रखा।
सदैव स्नेहिल हाथ रखा।
वो भाई-बहन जिसके
अप्रतिम प्रेम ने मुझे
हमेशा ही तृप्त किया।
हमेशा ही तृप्त किया।
वो दोस्त जो निस्वार्थ भाव से
मेरे सुख-दुख के साथी बनते रहे
नहीं जताते कभी कोई हक वो मुझ पर
पर दिल में सदा ही बसते हैं वो मेरे।
प्रिय, हो तुम प्रियतम मेरे
जो फूल खिलाए हमने मिलकर
उसके भी नाम है,
मेरे ह्रदय का एक टुकड़ा ।
मेरी सत्ता को मिलकर पूरा करते हैं ये सारे।
बेशक,
जीवन के हमसफर हो तुम
मेरा तन मन ह्रदय तुम्हें समर्पित है।
पर सच तो ये भी है...
मेरे वजूद के कई किस्से हैं,
इस दिल के कई हिस्से हैं।
(स्वरचित)
:-तारा कुमारी
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