फादर्स -डे Father's day - A Hindi poem फादर्स - डे माता है जननी,तो पिता है पहचान इनसे ही होती है जीवन की आन-बान पित...
फादर्स -डे Father's day - A Hindi poem
फादर्स - डे
माता है जननी,तो पिता है पहचान
इनसे ही होती है जीवन की आन-बान
पिता है पुत्री का पहला सच्चा प्यार
इनकी छत्र छाया में न होती कभी हार
पिता का विश्वास देता पुत्र को आत्मविश्वास
हार में भी ये दे जाती है जीत की आस
प्यार का अनकहा सागर है पिता
बिना बोले ही समझते ये मन की बात
बचपन की नन्ही ऊँगलियों का सहारा है पिता
हर तूफान में कश्ती का किनारा है पिता
परिवार की हर सपनों में पंख लगाते हैं पिता
सब कुछ खामोशी से सह जाते हैं पिता
सैकड़ों झंझावत को खड़ा अकेले झेलते हैं पिता
जीवन के हर कड़वे अनुभव को प्यार से बताते हैं पिता
कभी बेटी की विदाई में दिल से रोते हैं पिता
फिर 'रखना खयाल बेटी का' हाथ जोड़कर विनती करते हैं पिता
बच्चों की जीत से चौड़ी हो जाती है पिता का सीना
सब की इच्छा पूर्ण करना ही है उनका जीना
कभी सुख-दुख का मेला है पिता
कभी हंसी ठिठोले तो कभी अनुशासन है पिता
है अभिमान तो कभी स्वभिमान है पिता
कभी जमीं तो कभी आसमान है पिता
सब फलते-फूलते हैं जिनकी छाँव में..
वो वृक्ष है पिता|
स्वरचित
:-(तारा कुमारी)
बहुत सुंदर कविता
ReplyDelete。(✿‿✿)。
Thank you.
Delete