दोस्त और दोस्ती /मित्रता - हिन्दी कविता दोस्ती सभी रिश्तों में सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है और उसे निभाने वाले उससे भी खूबसूरत लोग होत...
दोस्त और दोस्ती /मित्रता - हिन्दी कविता
दोस्ती सभी रिश्तों में सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है और उसे निभाने वाले उससे भी खूबसूरत लोग होते हैं। दोस्त और दोस्ती शब्द हमारे जेहन में आते ही कई बेशकीमती मीठी यादें तैरने लगती है.. है ना..
दोस्त और दोस्ती /मित्रता Dost aur Dosti /Mitrata /friendship - Hindi poem
कुछ रिश्ते होते खून के
कुछ रिश्ते बन जाते दिल के
ना बंधते ये रिश्ते जाति - धर्म से
बस मन में समा जाते एक दूजे के कर्म से
ये रिश्ता है दोस्त और दोस्ती का
जो होता है सबसे ज़ुदा
ना कद देखती ना उम्र देखती
ना देखती ये रंग - रूप
बस मन मिले और
हो जाए अजनबी भी मीत
हो जाए अजनबी भी मीत
है दोस्ती की अनोखी रीत
दोस्त बन जाते कभी पड़ोसी
तो कभी कोई परदेशी
कभी दोस्त बन जाते
अनजान डगर के राही
दोस्ती की बुनियाद होती विश्वास पर
स्नेह पर, अपनत्व पर
जब सारे रिश्ते छूट जाते
तब भी साथ खड़े रहते ये
दुःख में हौसला देते हैं ये
सुख में संग मस्ती करते
गम को हँसते हँसते बाँट लेते ये
खुशियों को दूना कर देते
कहते हैं उनको गरीब
जिनका ना हो कोई मित्र
अनमोल दोस्त हो जिनके
वे होते हैं सबसे अमीर
जीवन की डगर में
मिलते बिछड़ते हैं दोस्त
पर रह जाती उनकी यारी
वर्षों के मौन के बाद भी
जब मिलते तो
मिल जाती हैं खुशियाँ सारी
नये किस्से नयी कहानी
फिर वही पुरानी यारी
बड़े जतन से संभालते राज ये दोस्तों के
जब कोई ना समझे बात दिल की
दोस्त पढ़ लेते देखते ही
कृष्ण - सुदामा की दोस्ती है बेमिसाल
हाथ थामो उसका जो ना छोड़े साथ
सच्चा दोस्त और दोस्ती से बढ़कर
नहीं कोई तलाश
मिल जाए अगर ये दुनिया में
तो मिल जाए संसार..
दोस्ती के दामन में
हैं खुशियाँ अपार..।
(स्वरचित)
:- तारा कुमारी
कहते हैं उनको गरीब
जिनका ना हो कोई मित्र
अनमोल दोस्त हो जिनके
वे होते हैं सबसे अमीर
जीवन की डगर में
मिलते बिछड़ते हैं दोस्त
पर रह जाती उनकी यारी
वर्षों के मौन के बाद भी
जब मिलते तो
मिल जाती हैं खुशियाँ सारी
नये किस्से नयी कहानी
फिर वही पुरानी यारी
बड़े जतन से संभालते राज ये दोस्तों के
जब कोई ना समझे बात दिल की
दोस्त पढ़ लेते देखते ही
कृष्ण - सुदामा की दोस्ती है बेमिसाल
हाथ थामो उसका जो ना छोड़े साथ
सच्चा दोस्त और दोस्ती से बढ़कर
नहीं कोई तलाश
मिल जाए अगर ये दुनिया में
तो मिल जाए संसार..
दोस्ती के दामन में
हैं खुशियाँ अपार..।
(स्वरचित)
:- तारा कुमारी
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