POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन। बुरा नहीं हूँ मैं - हिंदी कविता/ Bura nahi hun main. - Hindi poem दुनिया में कई तरह के लोग ...
POETRY IN HINDI :- कविताओं का संकलन।
बुरा नहीं हूँ मैं - हिंदी कविता/ Bura nahi hun main. - Hindi poem
दुनिया में कई तरह के लोग हैं.. कुछ लोग बेल की तरह होते हैं जो बाहर से तो कठोर होते हैं किन्तु अंदर से कोमल और मीठे होते हैं। उनके ऊपरी स्वभाव से लोग अक्सर ही धोखा खा जाते हैं और उन्हें बुरा समझ लेते हैं।
वहीँ कुछ लोग बेर की तरह होते हैं जो ऊपर से कोमल और मीठे होते हैं किन्तु अंदर से कठोर और सख्त।इन्हीं भावनाओं से ओत-प्रोत ये कविता आप सब के समक्ष प्रस्तुत है -
बुरा नहीं हूँ मैं।
हाँ, मैं तीखा बोलता हूँ
सच बोलता हूँ
कड़वा बोलता हूँ
लेकिन, बुरा नहीं हूं मैं।
दिखावे की मीठी बोली नहीं बोलता
पीठ पीछे किसी की शिकायत नहीं करता
मन में दबाकर कोई बैर भाव नहीं रखता
कुंठित विचार नहीं पालता
हाँ, बुरा नहीं हूं मैं।
किसी का बुरा नहीं चाहता
किसी पर छुपकर वार नहीं करता
कभी ह्रदय छलनी हो जाए तो
छुपकर अकेले रो लेता
सबकी मदद दिल से करता
हाँ, बुरा नहीं हूं मैं।
अपनी जिम्मेदारियों से बैर नहीं मुझे
कर्म ही मेरी पहचान है
छलावे के रिश्ते बनाना नहीं आता मुझे
बुरे वक्त में साथ छोड़ना नहीं सीखा मैंने
हाँ, बुरा नहीं हूं मैं।
मौकापरस्त दुनिया ने दिल दुखाया मेरा
फिर भी चुप रहा मैं..
आवाज उठाई कभी जो मैंने
बुरा मान लिया जमाने ने
वक्त नहीं अब मेरे पास इन से उलझने का
हाँ, मैं मौन हूं..
लेकिन,
बुरा नहीं हूं मैं।।
(स्वरचित)
:-तारा कुमारी
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Bahut khub
ReplyDeleteजी, धन्यवाद।
DeleteAbadesh yadav
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteHeart touching ♥️ 💓