यकीन यकीन - तीन अक्षरों से बना यह शब्द इस के हैं खेल निराले कभी यकीन कर कोई खिल गया तो किसी के जीवन में पड़ गए शून्...
यकीन
यकीन - तीन अक्षरों से बना यह शब्द
इस के हैं खेल निराले
कभी यकीन कर कोई खिल गया
तो किसी के जीवन में पड़ गए शून्य
धोखे मिले हजार कभी
कभी सौगात खुशियों की
कभी दोस्त बना दे पल में
कभी लगा दे हजार पहरे
जब रूठ जाती है यह
बिखर जाता है सब पल में
यकीन जब वास करती है मन में
सब कुछ खिल जाता है जैसे पल में
अजीब है दास्ताँ यकीन का
नहीं दिलाना पड़ता यहां यकीन नफरत का
मगर हैरत है, सबूत मांगते लोग मोहब्बत का
एक वक्त वह था
जब जादू पर भी यकीन था
एक वक्त यह है
जब हकीकत पर भी शक है
अगर करना ही है यकीन
तो कर खुद पर यकीन तू
ना टूटेगा तू कभी, ना रूठेगा तू
हिम्मत जो कभी कम हुई
तो उठ खड़ा होगा फिर तू
रख विश्वास खुद पर -
है यही रास्ता, नहीं रहेंगे सपने अधूरे
मिलेगी मंजिल तुझे, ख्वाब होंगे सारे पूरे|
(स्वरचित)
:-तारा कुमारी
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