Poetry in hindi - कविताओं का संकलन। विरह - वेदना पर हिंदी कविता / Virah Vedana - Hindi poem/ Painful soul / Separation विरह - वेदना ...
Poetry in hindi - कविताओं का संकलन।
विरह - वेदना पर हिंदी कविता / Virah Vedana - Hindi poem/ Painful soul / Separation
विरह - वेदना - (हिंदी कविता)
शीशे का ह्रदय उस पर नाम लिखा कोई
ठेस लगी टूट गया,चूर हुए सपने
है रोती आंखें, जान सके ना कोई
है दिल तो अपना लेकिन पीर पराई
हूक उठी दिल से, अश्कों ने ली जगह आंखों में
क्या हुआ, जान ना पाए कोई
उदास आंखें राह देखती नजरें
ना कोई आस, फिर भी आशा के दीप जले
बुझती, ताकती आशाएं
हृदय को चीरती,
फफक कर रो पड़ती आंखें
क्रंदन करता मन, जान सके ना कोई
साथ ना छोड़ेंगे कभी, ये वायदा था
याद ना रही अब मैं, जो मेरा जीवन था
ना किया स्वीकार गुनाह अपना
लाद दिया हर बोझ मुझ पर
नन्हीं चिड़िया टूट गई,
रूठ गई, जग से छूट गई
था वह कैसा बेरहम दिल
जब मन भरा छोड़ गया
मासूम दिल को तोड़ गया
ना देखा मुड़कर पल भर भी
आंसू बहते अब भी याद में उसके
धोखे थे हसीन, दिल से लगाया था मैंने
सच माना था मैंने, अपना जाना था मैंने
दिल टूट गया,
साथ छूट गया
लेकिन अब भी भरम है वफा का
टूटेगा वह भी धीरे-धीरे
भूल जाना है मुश्किल, क्या करें?
कुछ तो सुकून मिल जाए दिल को
कुछ ऐसा हो जाए
नहीं देखा जाता इसका तड़पना, तरसना, बरसना
जीना भी जरूरी है, कैसे जिया जाए?
कांपता है देह,
ना मान पाया मन मेरा अब भी
मैं रह गई अब भी तेरी
पर तू ना रहा अब मेरा,
तुझसे नेह न मिट पाएगा कभी
अब यही है सत्य मेरा |
(स्वरचित)
:-तारा कुमारी
Separation hurts..
ReplyDeleteYes..
Deleteबहुत खूब...
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