सूक्ष्म - शत्रु है जगत में सूक्ष्म - शत्रु का वार चारो तरफ है फैला हाहाकार है बड़ा ये covid-19 विध्वंसकारी अमेरिका, इट...
सूक्ष्म - शत्रु
है जगत में सूक्ष्म - शत्रु का वार
चारो तरफ है फैला हाहाकार
है बड़ा ये covid-19 विध्वंसकारी
अमेरिका, इटली, चाइना सब पर
पड़ गया ये कोरोना वाइरस भारी
छुने से फैले ये, साँसों से फैले
ऐसी है ये महामारी.
कट गए हम दुनिया से
पर कोरोना का है आतंक जारी
वाइरस ने लिया सहारा उनका
हम से जो हो जाती लापरवाही
ना अन्तर करे ये मजहब की
ना अमीरी - गरीबी की
समता है इसका उसूल
यह बीमारी है जहान की
है भयावह दृश्य अब बनता
हर तरफ है संक्रमण बढ़ता
आम आदमी कैसे रहें सुरक्षित
नर्स डॉक्टर स्टाफ हुए संक्रमित
देश दुनिया हो रहे बर्बाद
कैसी विडंबना बन पड़ी है आज
बढ़ती जा रही अवधि लॉकडाउन की
आँधी-सी चल रही मन में
आशा - निराशा की.
है विचलित करने वाली इसका प्रहार
पर हमने भी नहीं मानी है हार
हाथ धोना, सोशल - डिस्टेंशिंग
है यही कल्याणकारी.
रहो घर के अंदर
करते रहो खुदको सेनेटाइज
यही है मांग सुरक्षा की
है तोड़ना कड़ी - संक्रमण का
लॉकडाउन का पालन
है रास्ता बचने का
खुद की करो सुरक्षा और
करो सब की परवाह
यही है मूलमंत्र -
इसे खत्म करने का |
(स्वरचित)
:तारा कुमारी
डॉक्टर, नर्स और अस्पताल
नारी, अब तेरी बारी है
निःशब्द
:तारा कुमारी
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वक्त और त्रासदी वक्त और त्रासदीडॉक्टर, नर्स और अस्पताल
नारी, अब तेरी बारी है
निःशब्द
सुंदर लेखन👍
ReplyDeleteहै तो ये इक सूक्ष्म शत्रु
पर सीखा दिया इसने बहुत कुछ
प्रकृति के साथ न करो छेड़खानी
वर्ना जान से हाथ पड़ेगी गंवानी
जी हाँ.. कटु सत्य है ये
Deleteआपका धन्यवाद |
सुंदर कविता :)
ReplyDeleteजी.. आपका धन्यवाद |
DeleteStay home stay safe.
ReplyDeleteAchchi rachna.